2012 मे मैथिलीक युवा साहित्य
अकादमी पुरस्कार प्राप्त केनिहार युवा कवि अरुणाभ सौरभ केर कहनए छन्हि जे ओ करीब
सात-आठ बरख पहिने अपन संपादित पत्रिका ‘नवतुरिया’ केर संपादकीय मे एहि आशय केर वक्तव्य द’ चुकल छथि जे ओ पृथक
मिथिला राज्य केर मांग केर विरोधी छथि । 02.02.2015 केर अपन एकटा फेसबुक अपडेट मे
ओ बहुत स्पष्ट भ’ क मिथिला राज्यक निर्माण केर प्रति अपन विरोधक बिन्दु स्पष्ट केनय छथि ।
एतय हुनक ओहि पोस्ट केँ प्रस्तुत कयल जा रहल अछि । अरुणाभ पृथक मिथिला राज्यक मादे
जे विचार व्यक्त केनय छथि ताहि पर पक्ष आ प्रतिपक्ष मे बहस केर पर्याप्त संभावना
अछि । अपने जँ गंभीरतापूर्वक एहि विषय में सोचैत होई त अपन विचार maithilimandan@gmail.com पर पठा सकैत छी । एहि बहस केँ आगाँ बढ़ेवाक उद्देश्य यैह होयत जे मैथिलक हित सुनिश्चित
करय वाला आत्ममंथनक किछु उपयोगी सामग्रीक आमद भ’ सकय
।
अरुणाभ सौरभ |
मैथिली मे लीखि रहल छी । निरंतर आ समान रूपे, जतने हिन्दी मे ओतने मैथिली मे । कोनो भाषाक लिखल चीज़ दोसर भाषा मे ओहिना
अनुवाद क' आनबाक विरोधी छी । तखन मैथिलीक किछु विशेष
व्यक्ति द्वारा पसारल मिथिला राज्यक सभ दिन विरोध मे छी । हमरा लेल मैथिली मे
लिखबाक कतहु सँ अर्थ ई नहि जे हम पृथकतावादी मिथिला राज्य के समर्थन करी । हमरा
मिथिलाक कला, दर्शन, साहित्य सभ सँ अटूट सिनेह अछि, मिथिलाक अलावे
हम भारतक कमोबेस सभ जे सभ इलाका हम गेलहुँ बहुते आदर भेटल,स्नेह
भेटल ओहो संस्कृति कला आ भाषा हमरा लिए आदरणीय अछि । मिथिला मे जन्म भेल,संस्कृतिक प्रति हम कृतज्ञ छी । एकर माने ई नहि जे हम पृथक मिथिला राज्य
के समर्थन करी । जे वंचित,शोषित जन के पक्ष मे छी तकर निदान
मिथिला राज नहि अछि । हम एकटा मैथिलभाषी बिहारी छी ।
झारखंड अलग भेलाक बादो भारत मे कम से कम कोनो नगर- महानगर मे
झारखंडक लोक कए झारखंडी नहि कहल जाय छैक-हुनको सभ कए बिहारी कहले जाय छैन ! पूर्वी
यूपी बला सेहो बाहर मे बिहारी होय छैक ! बिहार एगो विचारधारा बुझबैछ- जे कहियो
समाप्त नहि हएत ! बिहारक इतिहास-भूगोल सँ मिथिला कहियो नहि काटल जाएत ! बिहार सँ
ही मिथिला पूर्ण होय छैक आ मिथिले सँ बिहार ! ओहि लेल हम अपना केँ 'मैथिली भाषी बिहारी' कहएब बेसी नीक बुझै छी, ओना कियो कतबो तर्क दए दैथ- अपना सभ गोटे जा जीयब ता इएह पहिचान रहत !
अहाँ मिथिलांचल माँगू हमरा सहरसा-मधेपुरा -सुपौल आ खगडिया आदि जिलाकक लोक कोसी
अंचल माँगि लिए । किशनगंज अररिया सं पूर्णिया धरि सीमांचल केर माँग छइहे ! अंग आ
बज्जि त' सोलह महाजनपद मे रहैक त' अंगिका आ बज्जिका केर आधार पर अलग राज्य ! बचल दू गो जिला -दरभंगा आ
मधुबनी ओकरा बिहारक लोक देबे नहि करत ! तखन कोना चाही मिथिला राज्य आर किएक से
पहिने स्पष्ट करी । भाषाक आधार पर मिथिला,तखन अंगिका,वज्जिका,की कोसी अंचल,सीमांचल
सभक मांग उचित ? तखन भोजपुर आ मगध ओहो दुओ क्षेत्र
किएक रहतइ बिहार मे, सभ बांटि देनाय उचित छैक?
अंत मे जे मिथिला वर्चस्व थिकै आ बिहार प्रतिरोध । हम प्रतिरोध
संग रहब ! कम्पोजिट कल्चर संग रहब ! आ अपना सभ तहिना रहबै ।
साभार- विकि मीडिया |
No comments:
Post a Comment
अपनेक प्रतिक्रियाक स्वागत अछि !